मृत्यु बोध, जीवन शोध: दोहे
मृत्यु बोध, जीवन शोध: दोहे
जन्म संग मृत्यु आई, जीवन बस एक राह।
मृत्यु सत्य अटल है, क्यों डरें हम आह!
हर पल पहरा मृत्यु का, जीवन अनमोल जान।
प्रेम कर्म से भर इसे, मृत्यु बने सम्मान।
देह मोह सब त्याग दो, मन के सारे विकार।
सत्कर्म से मृत्यु रचो, जीवन का यह सार।
मृत्यु अंत नहीं बंधु, आत्मज्ञान का द्वार।
सद्कर्मों से प्रेम से, जीवन करो उदार।
टूटे माया मोह के बंधन, परमात्मा से मिलन।
मृत्यु बने मधुर मिलन, जीवन का पावन क्षण।
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