THE BHAGAVAD GITA VERSE 2.20 AND INSPIRED HINDI MICRO-POEMS

THE BHAGAVAD GITA VERSE 2.20 AND INSPIRED HINDI MICRO-POEMS ~Lalit Kishore न जायते म्रियते वा कदाचिनायं भूत्वा भविता न भूय: | अजो नित्य: शाश्वतोऽयं पुराणो न हन्यते हन्यमाने शरीरे || Inspired micro-poems in Hindi आत्मा / अजन्मी-है, नित्य-है / शाश्वत-है; अजर-है; अमर-है I *** आत्मा / चिर-है, कालातीत-है / काया-मरे, आत्मा-नहीं - कदाचित-नहीं I *** बचपन / जवानी, बुडापा / अवस्थायें-हैं नाशवान काया-की I *** आत्मा-है / सनातन, चिर-नूतन / संसार-का मोह-त्यागो, तटस्थ-बनो I