जैन संदेश : हाइकु
हाइकु :
मन-कर्म से /
अहिंसा तप करो - /
यही धर्म है
***
जग के सुख /
क्षणिक, अस्थिर हैं - /
हिंसा-रूप हैं
***
आत्मिक बनो /
मन-संयम साधो /
हो शाकाहारी
***
हो रहन-सहन //
सरल , सहज, शुद्ध - /
हिंसा त्याग दो !
मन-कर्म से /
अहिंसा तप करो - /
यही धर्म है
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जग के सुख /
क्षणिक, अस्थिर हैं - /
हिंसा-रूप हैं
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आत्मिक बनो /
मन-संयम साधो /
हो शाकाहारी
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हो रहन-सहन //
सरल , सहज, शुद्ध - /
हिंसा त्याग दो !
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