संस्कृत में अग्नि गायत्री मंत्र:: हाइकु में विवरण
गायत्री मंत्र:
ॐ /
महाज्वालाय विद्महे /
अग्नि मध्याय धीमहि /
तन्नो अग्निः प्रचोदयात् l
हाइकु
हे दिव्य ज्वाला /
हमें विशुद्ध् करें /
प्रबुद्ध करें
***
है ब्रह्म ज्योति /
जीवन ऊर्जा सोम /
कृतार्थ करें /
***
अग्नि दिव्य है /
ब्रह्म की देन है /
ये प्रसाद है /
***
ऊर्जा बचाएं /
ऊर्जा व्यर्थ ना करें /
यह पाप है
***
इच्छा-लोभ का /
हवन-दहन करें /
प्रबुद्दः बनें
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