गायत्री मन्त्र : हाइकु

 हाइकु 


प्राण स्वरूप  /

प्रभु सुख स्वरूप  /

देव स्वरूप 

***

श्रेष्ठ, तेजस्वी /

प्रभु  पाप नाशक /

दु:ख नाशक 

****

ऐसे प्रभु को  /

अन्तरात्मा में धारें  -/

सद्बुद्धि पायें 


पायें

*** 


Comments

Popular posts from this blog

एकं ब्रह्म द्वितीय नास्ति नेह ना नास्ति किंचन: ब्रह्म ज्ञान का मूल मंत्र एवं सूक्ष्म बोल आलाप

Preliminary fatal Air India plane crash probe report: News brief and limerick

ADVENT OF QUANTUM SCIENCE AND TECHNOLOGY: A POEM