जो क्षणिक, वह मिथ्या ; जो अचल, वह सत्य : हाइकू
हाइकू :
काया के सुख /
वस्तु-भोग, विलास - /
मोह-पाश हैं
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इच्छा, लालच /
परिग्रह पाप हैं - /
इच्छा-मुक्ति पा !
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सुख व दुःख /
क्षणिक हैं, मिथ्या हैं - /
विवेक जगा ले !
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साक्षी बन जी - /
समभाव साधना से /
आनंद पा ले
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जीवन जी ले /
स्थितप्रज्ञ बन के /
अचल बन के
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