जो क्षणिक, वह मिथ्या ; जो अचल, वह सत्य : हाइकू


 हाइकू :

काया के सुख  /
वस्तु-भोग, विलास  - /
मोह-पाश हैं 

***

इच्छा, लालच  /
परिग्रह पाप हैं - /
इच्छा-मुक्ति पा !

***

सुख  व दुःख  /
क्षणिक हैं, मिथ्या हैं - /
विवेक जगा ले !

***

साक्षी बन जी - /
समभाव साधना से  /
आनंद पा ले

*** 

जीवन जी ले /
स्थितप्रज्ञ  बन के /
अचल बन के 


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