न्यूनतमवादी जीवन, सार्थक जीवन : दोहे


 न्यूनतमवादी जीवन, सार्थक जीवन : दोहे 

थोड़ा सामान, मन शांत गहरा,
ज़रूरी चीजें, जीवन सुनहरा।

न उपहार, बस प्रेम की धारा,
न्यूनतम जीवन, अर्थ है प्यारा।

कम समान, मन शांत अपार,
ज़रूरी चीज़ें, जीवन आधार।

दिखावे से दूर, सादा रहे ढंग,
न्यूनतम जीवन, खुशियों का रंग।

सृजन में आनंद, सेवा में प्रीत,
प्रकृति से नाता, सच्ची यही रीत।


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