मुंशी प्रेमचंद की जयंती (31 जुलIही) पर पढ़ें उन के विचार हाइकु में

शत्रु अपना- /
शत्रु जो बडा सब से /
अपना ही दंभ

***

स्वार्थ व लोभ /
बना देते बावला /
हर जन को 

***
आशा ऊर्जा है /
आशा ही जीवन है /
आशावान  हो !

***
आत्मिक बन /
आत्मा अमोल धन है /
आत्मा संजोह
***

देश विकास -/
 ढोन्गी का काम नहीं - /
ये त्यागी का है 

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