आत्मा शुद्ध चेतना है, पवित्र भाव है: सूक्ष्म कविताएं


 सूक्ष्म कविताएं : 

आत्मा-में /

परमात्मा-में आस्था /

 यह पवित्र भाव-है l

***

अर्थ-में-आस्था /

कामनाओं-में-आस्था, भौतिकता-में -आस्था /

 दुर्भाव-है; राग-द्वेष-है, क्लेश-है l

*** 

काया-मन-मति-को /

आत्म-मुखी बनाओ /

 कामना-हटाओ, परिग्रह-हटाओ, निष्काम-बनो i

***

आत्मा /

निराकार-है, निर्गुण-है /

 निष्काम-है, अजर-है, अमर-है l

 


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