आत्मा शुद्ध चेतना है, पवित्र भाव है: सूक्ष्म कविताएं
सूक्ष्म कविताएं :
आत्मा-में /
परमात्मा-में आस्था /
यह पवित्र भाव-है l
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अर्थ-में-आस्था /
कामनाओं-में-आस्था, भौतिकता-में -आस्था /
दुर्भाव-है; राग-द्वेष-है, क्लेश-है l
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काया-मन-मति-को /
आत्म-मुखी बनाओ /
कामना-हटाओ, परिग्रह-हटाओ, निष्काम-बनो i
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आत्मा /
निराकार-है, निर्गुण-है /
निष्काम-है, अजर-है, अमर-है l
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