जीवन भीतरी आसुरी और दैविक शक्तियों के बीच कुरुक्षेत्र है: सूक्ष्म कविताएं

 जीवन भीतरी आसुरी और दैविक शक्तियों के बीच कुरुक्षेत्र है: सूक्ष्म कविताएं 


.काया-माया-हैं  -/

कुरुक्षेत्र, रणक्षेत्र  /

मन-सहित-इन्द्रियों-' /आत्मा-के-बीच/ युद्धक्षेत्र -है l

*** 

विषय-वासनाओं-में-लिप्त  /

काया-क्षेत्र-के/ क्रिया-कलाप  /

मन-के / विकार-है /आसुरी-शक्तियां I

***

आत्मा-की /

सुप्त-शक्तियां-जगाओ,/ विस्मृत-दैविक-शक्तियां-जगाओ

मन-के/ असुरों-को / पराजित-करो l

***

डालो-बदल /

कुरुक्षेत्र-को / धर्मक्षेत्र-में /

आत्म-ज्ञानी-बन-के,/ तत्व-ज्ञानी-बन-के,/,औ’-दिव्य-बन-के l

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