महिला दिवस विशेष: स्त्रैण-भाव पर सूक्ष्म कविताएं
महिला दिवस विशेष: स्त्रैण-भाव पर सूक्ष्म कविताएं ...
सूक्ष्म कविताएं ...
हैं-भावनाएं /
स्त्री-की कर्म-भूमी /
भावनाओं-को सशक्त बनाओ
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स्त्रैण-भाव /
स्वाभाविक, दैविक - /
इसे समतुल्य सम्मान-दो
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स्त्रैण-भाव-हैं - /
सृजन, पोषण /
वात्सल्य,सहकार, सौम्यता
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छोडो /
पुरुष प्रधानता /
लैंगिक भेद-भाव छोडो
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लैंगिक-विविधता-को /
सम्मान -दो, समभावी-बनो /
विविधता-में एकता लाओ
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शिक्षा-का /
नारीकरण
करो /
शिक्षा-को भाव-प्रधान बनाओ
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